"The Hezbollah-Israel Conflict: A Brief Overview of Recent Events"
Look into the worldwide concerns arising from Hezbollah's declaration of war on Israel. Get updates on the situation and its impact on global stability.
Lebanon’s terrorist group Hezbollah has announced a declaration of war against Israel after being a victim of an electronic explosion. In its wake, an atmosphere of anxiety has spread throughout the world. He said that Israel has crossed the Laxman line. Now this war is not limited to the borders of Israel and Lebanon, but its flames can be seen in any part of the two countries. Israel should be prepared to face Hezbollah’s counterattack.
Nasrallah said that we have accepted that this attack has dealt us a huge blow. We are also investigating it. But we will answer it back. Echoing his statement, Hezbollah retaliated with massive rocket attacks on Israel. Apart from this, it carried out drone strikes targeting Israeli military sites. Hezbollah said thousands of displaced people in northern Israel never returned to their Homes. We will displace the people of Israel just as people are being displaced in Gaza. Two soldiers of Israel were killed in an attack by Hezbollah after an electronic blast. Because of this, Israel has accepted that now the scope of the war may expand and he may have to take military action on a wide scale.
Mossad created a network of shell companies, tricked the terrorist organization into planting pagers-walkie-talkies with explosives: also extorted money from Hezbollah and wiped out its fighters.
Israel carried out a series of explosions in Lebanon, killing 40 Hezbollah terrorists and injuring more than 5000. In this regard, the New York Times claims that the terrorist organization Hezbollah was caught in Israel’s cybernet. The pagers that Hezbollah bought were not from Taiwan’s Apollo Gold Company. It was manufactured by Mossad officials in Hungary at the same company that Hezbollah believed to be a Taiwanese company. This is to deceive Hezbollah; a shell company was created.
Mossad had created a network of such companies so that there was no doubt about the shell companies. Mossad had already planned for these years ago. Since 2022, Hezbollah has been buying pagers from this Mossad company. In a deliberated plot by the Mossad, a pager made for Hezbollah was planted with explosive PETN.
After that, Hezbollah chief Hassan Nasrallah told his militants to stop using mobile phones, and Mossad’s company received orders to make more pagers. In this way, thousands of pagers reached Hezbollah terrorists, after which Israel attacked them. The company involved in this explosion is not a Taiwanese or Hungarian company, this company is a shell company of Israel. If there are one or two companies, it is possible to make a doubt on it, so the Israelis made two to three such companies.
When it comes to the blast of Walkie-talkie after the pager, the Japanese company Icom that made it has made it clear that it had stopped its production ten years ago. He stopped making these sets of walkie-talkies ten years ago. Icom said in a statement that the ICV82 is a handheld radio set. This was produced and exported from 2004 to 2014. Because of this, the sets are likely to have been purchased this walkie-talkie from a fake company of Mossad by Hezbollah. Thus Mossad also took money from Hezbollah and took the lives of its terrorists.
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"हिजबुल्लाह-इजरायल संघर्ष: हाल की घटनाओं का एक संक्षिप्त अवलोकन"
इजरायल पर युद्ध की हिजबुल्लाह की घोषणा से उत्पन्न दुनिया भर में चिंताओं को देखें। स्थिति और वैश्विक स्थिरता पर इसके प्रभाव पर अपडेट प्राप्त करें।
लेबनान के आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह ने इलेक्ट्रॉनिक विस्फोट का शिकार होने के बाद इजरायल के खिलाफ युद्ध की घोषणा की है। इसके मद्देनजर पूरी दुनिया में चिंता का माहौल फैल गया है। उन्होंने कहा कि इजरायल लक्ष्मण रेखा पार कर चुका है। अब यह युद्ध इसराइल और लेबनान की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसकी आग दोनों देशों के किसी भी हिस्से में देखी जा सकती हैं. इजरायल को हिजबुल्लाह के पलटवार का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
नसरल्ला ने कहा कि हमने स्वीकार किया है कि इस हमले से हमें बहुत बड़ा झटका लगा है। हम इसकी जांच भी कर रहे हैं। लेकिन हम इसका जवाब देंगे। उनके बयान को प्रतिध्वनित करते हुए, हिजबुल्लाह ने इजरायल पर बड़े पैमाने पर रॉकेट हमलों के साथ जवाबी कार्रवाई की। इसके अलावा उसने इजरायली सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर ड्रोन हमले किए। हिजबुल्ला ने कहा कि उत्तरी इजरायल में हजारों विस्थापित लोग कभी अपने घरों में नहीं लौटेगे। हम इजरायल के लोगों को उसी तरह विस्थापित करेंगे जैसे गाजा में लोगों को विस्थापित किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक विस्फोट के बाद हिजबुल्लाह के हमले में इजरायल के दो सैनिक मारे गए। इस वजह से इसराइल ने स्वीकार किया है कि अब युद्ध का दायरा बढ़ सकता है और उसे व्यापक स्तर पर सैन्य कार्रवाई करनी पड़ सकती है।
मोसाद ने शेल कंपनियों का एक नेटवर्क बनाया, आतंकवादी संगठन को विस्फोटकों के साथ पेजर-वॉकी-टॉकी लगाने में धोखा दिया: हिजबुल्लाह से पैसे भी निकाले और उनके लड़ाकों का सफाया कर दिया।
इज़राइल ने लेबनान में विस्फोटों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया, जिसमें 40 हिजबुल्लाह आतंकवादी मारे गए और 5000 से अधिक घायल हो गए। इस संबंध में न्यूयॉर्क टाइम्स का दावा है कि आतंकी संगठन हिजबुल्लाह इजरायल के साइबरनेट में पकड़ा गया था। हिजबुल्लाह ने जो पेजर खरीदे थे, वे ताइवान की अपोलो गोल्ड कंपनी के नहीं थे। इसे हंगरी में मोसाद के अधिकारियों द्वारा उसी कंपनी में निर्मित किया गया था जिसे हिजबुल्लाह एक ताइवानी कंपनी मानता था। यह हिजबुल्लाह को धोखा देने के लिए एक शेल कंपनी बनाई गई।
मोसाद ने इस तरह की कंपनियों का नेटवर्क बनाया था ताकि शेल कंपनियों को लेकर कोई शक न रहे। मोसाद ने इन वर्षों के लिए पहले से ही योजना बनाई थी। 2022 से, हिज़्बुल्लाह इस मोसाद कंपनी से पेजर खरीद रहा है। मोसाद द्वारा एक जानबूझकर साजिश में, हिजबुल्लाह के लिए बनाया गया एक पेजर विस्फोटक पीईटीएन के साथ लगाया गया था।
उसके बाद, हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरल्लाह ने अपने आतंकवादियों को मोबाइल फोन का उपयोग बंद करने के लिए कहा, और मोसाद की कंपनी को अधिक पेजर बनाने के आदेश मिले। इस तरह हजारों पेजर हिजबुल्लाह के आतंकियों के पास पहुंच गए, जिसके बाद इजरायल ने उन पर हमला कर दिया। इस धमाके में शामिल कंपनी ताइवानी या हंगेरियन कंपनी नहीं है, यह कंपनी इजरायल की शेल कंपनी है। यदि एक या दो कंपनियां हैं, तो इस पर संदेह करना संभव है, इसलिए इजरायलियों ने दो से तीन ऐसी कंपनियां बनाईं।
पेजर के बाद वॉकी-टॉकी के धमाके की बात करें तो इसे बनाने वाली जापानी कंपनी आईकॉम ने साफ केह दिया है कि उसने दस साल पहले ही इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया था। उन्होंने दस साल पहले वॉकी-टॉकी के इन सेटों को बनाना बंद कर दिया था। आईकॉम ने एक बयान में कहा कि आईसीवी82 एक हैंडहेल्ड रेडियो सेट है। यह 2004 से 2014 तक उत्पादित और निर्यात किया गया था। इस वजह से, सेट को हिजबुल्लाह द्वारा मोसाद की नकली कंपनी से खरीदा गया होगा। इस प्रकार मोसाद ने हिजबुल्लाह से पैसा भी लिया और उसके आतंकवादियों की जान भी ले ली।